Friday, March 24, 2023
Homeधर्मतीर्थों का गुरु माना जाता है पुष्कर, देश का एकमात्र भगवान ब्रह्मा...

तीर्थों का गुरु माना जाता है पुष्कर, देश का एकमात्र भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर है यहां

पुष्कर झील के पास जगतपिता ब्रह्मा मंदिर स्थित है. यह देश का अकेला ब्रह्मा मंदिर है. यह मंदिर 14वीं शताब्दी में संगमरमर से बनाया गया था, जिसकी अनूठी वास्तुकला दर्शनीय है. यह मंदिर चांदी के सिक्कों से जड़ा हुआ है.

पूजा स्थल के अंदर गर्भगृह में ब्रह्मा के चित्र सुशोभित हैं. विवाहित पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह स्थान केवल तपस्वियों या संन्यासियों के लिए आरक्षित है. इस मंदिर में सूर्य भगवान की संगमरमर से बनी मूर्ति भी है.

गुलाब उद्यान के नाम से भी जाना जाता है शहर

पुष्कर राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक बहुत खूबसूरत शहर है, जिसे गुलाब उद्यान के नाम से भी जाना जाता है. तीर्थों का गुरु माने जाने वाले पुष्कर को संस्कृति और ज्ञान की नगरी भी कहा जाता है. इस शहर को भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है. यह ऊंट मेले के लिए भी प्रसिद्ध है. मेले के दौरान अपने पाप धोने के लिए हजारों तीर्थयात्री पुष्कर के पवित्र झील में स्नान करने के लिए आते हैं. आसपास के क्षेत्र विदेशी वनस्पतियों और जीवों के घर हैं, जहां कई प्रवासी पक्षी कुछ खास मौसमों में आते हैं. पुष्कर झील के समीप जगतपिता ब्रह्मा मंदिर स्थित है. यह देश का अकेला ब्रह्मा मंदिर है. यह मंदिर 14वीं शताब्दी में संगमरमर से बनाया गया था, जिसकी अनूठी वास्तुकला दर्शनीय है. यह मंदिर चांदी के सिक्कों से जड़ा हुआ है. पूजा स्थल के अंदर गर्भगृह में ब्रह्मा के चित्र सुशोभित हैं. विवाहित पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह स्थान केवल तपस्वियों या संन्यासियों के लिए आरक्षित है. इस मंदिर में सूर्य भगवान की संगमरमर से बनी मूर्ति भी है.

सबसे बड़ा शाही स्थान मान महल

पुष्कर में निवास का सबसे बड़ा शाही स्थान मान महल है, जो सरोवर झील के किनारे स्थित है. यह महल राजा मानसिंह प्रथम के लिए बनाया गया था. मान महल में एक प्रभावशाली वास्तुकला है, जिसमें पारंपरिक राजस्थानी स्थापत्य तत्व शामिल हैं. इमारत की डिजाइनिंग में आप मुगल स्पर्श भी देख सकते हैं. उल्लेखनीय है कि महल को सरोवर होटल भी कहा जाता है क्योंकि यह एक विश्व स्तरीय प्रवास है. झील के किनारे आप बोटिंग का भी मजा ले सकते हैं. पुष्कर के विशाल घाटों में से एक वराह घाट भी है, जो झील के शानदार दृश्यों के लिए जाना जाता है. यहां हर रात आयोजित होने वाली आरती पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है. इस घाट पर आप शांति से बैठकर खाने का मजा ले सकते हैं या फिर सुकून से झील पर पड़ती सूर्यास्त की रोशनी को निहार सकते हैं. यहां स्थित रणजी मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान रंगी को समर्पित है. यह मंदिर 1823 का है और इसे पुष्कर के नये मंदिरों में से एक माना जाता है. पवित्र संरचना में राजपूत और मुगल डिजाइनों की स्थापत्य शैली भी शामिल है, जो इसे विशिष्ट बनाती है. विष्णु मंदिर होने के कारण आप यहां महत्वपूर्ण अवसरों पर विष्णु भक्तों की एक बड़ी भीड़ देख सकते हैं.

पुष्कर क्यों प्रसिद्ध है?

पुष्कर अपने दर्शनीय स्थलों की वजह से बहुत प्रसिद्ध है और उन स्थलों में एक और नाम आता है- वराह मंदिर का, जो शहर के मध्य में स्थित है. पुष्कर गौरवशाली राजवंशों और धार्मिक मंदिरों की भूमि होने के कारण वराह मंदिर प्रमुख हिंदू भगवान विष्णु के अवतार वराह को समर्पित है. मंदिर एक गुंबद, सफेद दीवारों और स्तंभों से युक्त एक उल्लेखनीय वास्तुकला के साथ शानदार ढंग से बनाया गया है.

इस मंदिर का निर्माण किसने किया?

इस मंदिर का निर्माण राजा आनाजी ने भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह को समर्पित कर बनाया था. अपनी धार्मिक पवित्रता के कारण यह देशभर से बड़ी संख्या में हिंदू भक्तों को आकर्षित करता है.
 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

Join Our Whatsapp Group