😊अगिया बेताल😊
क़मर सिद्दीक़ी
पिछले दो-तीन दिनों से देखने में आ रहा है, देश की सब से पुरानी पार्टी के प्रांतीय कार्यालय में काफी रौनक़ है। बिल्कुल सफ़ेद चमचमाती पोशाक,वो भी कलफ़ की हुई,और उस पर अलग-अलग रंगों की जैकेट या सदरी। ये नज़ारा बिल्कुल ऐसा होता है, जैसे साइबेरियन डक्स ने भारतीय झीलों पर डेरा डाला हुआ है। कारण यह है कि, “सबका साथ,सबका विकास”की तर्ज़ पर समूचे प्रदेश में पदों की रेवड़ी बांट दी गई है । यह एक मात्र ऐसा दल है,जिसमें कार्यकर्ता से अधिक नेता पाए जाते हैं। हर तीसरा व्यक्ति समय व परिस्थिति के अनुसार विधायक/सांसद/सरपंच/पार्षदी का दावेदार होता है। अपने 55 वर्षीय “गौरवशाली” इतिहास को याद कर उसमें मस्त नज़र आते हैं। इनका व्यवहार, व ठसक बिल्कुल ऐसी होती है जैसे,लुटे पिटे नवाब-महाराजाओं की,जो ये मानने को तैयार नहीं कि,पुरानी तलवारें, ढाल,और बर्तन गिरवी रख घर का चूल्हा जल रहा है। हमेशा देखने को मिलता है कि,यहां इकट्ठा होते ही,एकता,मिल-जुल कर संघर्ष कर अपने अतीत को प्राप्त करने के वादे और कसमें दोहराई जाती हैं,और क्षेत्र में पहुंचते ही,एक दूसरे की कबर खोदने में लग जाते हैं। इसको आप इस तरह से भी समझ सकते हैं,जैसे कब्रस्तान/शमशान में लोग बातें करते पाए जाते हैं,”ये है इंसान की असली हक़ीक़त, सब कुछ यहीं रह जाएगा,चार दिन की दुनियां है,पर इंसान माया के पीछे भागा जा रहा है”,लेकिन वहां से बाहर निकलते ही फिर वही हरामीपन! कभी इनकी बातें सुनना,विपक्षी दल के प्रत्याशी की जमानत तो यूं ही चुटकी में जप्त करवाने की ताक़त रखते हैं,ये बात और है कि,अक्सर अंजाम ठीक इसके उलट होता है।
चलते-चलते…
प्रदेश के एक पुलिस कप्तान का हृदय परिवर्तन हो गया है। शायद आध्यात्म में रुचि बढ़ गई होगी। इसलिए तीर्थ यात्रा में जाने का फैसला कर डाला,वो भी सरकारी “योजना” के खाते से। परिवार में एसडीएम,तहसीलदार मौजूद हैं,यानी धन की कमी तो होने से रही। पर क्या करें,”दिल है कि,मानता नहीं”। हराम का खाने की आदत इतनी आसानी से कहां छूटती है,या इसका दूसरा पहलू भी हो सकता है। सोचा होगा अपने कमाए “धन” से यह “तीर्थ” तो जायज़ नहीं माना जाएगा,इसलिए गरीबों का हक़ ही मार लो। इसमें बुराई क्या है,पहले भी तो यही करते आए हैं।
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण ‘प्रदेश लाइव’ के नहीं हैं और ‘प्रदेश लाइव’ इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।)