Saturday, July 27, 2024
Homeलाइफस्टाइलUnique Jalebi: कहां देखी ऐसी जलेबी, कीमत देखकर हैरान रह जाएंगे आप

Unique Jalebi: कहां देखी ऐसी जलेबी, कीमत देखकर हैरान रह जाएंगे आप

Unique Jalebi : पश्चिम बंगाल मिठाइयों के लिए काफी फेमस है लेकिन पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में जो जलेबी बनती है, उसे आप शायद ही कहीं और देखे होंगे। यह अनोखी जलेबी बांकुरा जिले के केंजाकुरा में मिलती है। यहां भाद्र महीने में संक्रांति के दिन भादू मेला लगता है जिसमें यह जलेबी खास आकर्षण के केंद्र में रहती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सामान्य जलेबी नहीं है बल्कि इसका वजन 3 से 4 किलो तक होती है और इसका आकार कार के पहिए जैसा होता है। जो भी इस रास्ते से गुजरता है, इस जलेबी को देखे बिना रह नहीं सकता। जलेबी की दुकान पर खाने से ज्यादा देखने वालों की भीड़ लगी रहती है। प्रत्येक साल जब भाद्र मास में संक्रांति के दिन केंजाकुरा में जब मेला लगता है तब यह जलेबी आकर्षण के केंद्र में रहती है। यह जलेबी बांकुरा और पुरुलिया जिले में पहले से फेमस हो चुकी है लेकिन अब पड़ोस के झारखंड के लोग भी इस जलेबी को खाने आते हैं।

अनोखा स्वाद मंत्रमुग्ध कर देगा

सीकुरकुरी, नारंगी और कुंडलित, बंगाल की जिलिपि भारत की जलेबी से बिल्कुल अलग है। यह अनोखा है और इसका स्वाद मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। इन्हें बनाने की प्रक्रिया ही प्लेट पर रखे अंतिम उत्पाद से कम लार-योग्य नहीं है। गर्म तेल में चमकीले घोल को मलमल के कपड़े का उपयोग करके, तलकर और सावधानी से चीनी की चाशनी में डालने का आकर्षक कार्य – ने जीवन में किसी न किसी बिंदु पर हम सभी को रोमांचित किया है। माना जाता है कि बंगाल की यह पसंदीदा मीठी मिठाई फारस से आई है।

जलेबी बनाने का रिवाज प्रचलित है

भाद्र मास के संक्रांति के दिन भादू पूजा मनाई जाती है। भादू पूजा आस-पास के इलाकों में काफी लोकप्रिय है। ऐसा माना जाता है कि पंचकोट राज निलमणि सिंहदेव की तीसरी बेटी भद्रावती की असमय मौत हो गई। इसके बाद पंचकोट राजपरिवार ने ग्रेटर बंगाल में भादू पूजा की शुरुआत की। बांकुरा के प्राचीन शहर केंजाकुरा में द्वारकेश्वर नदी के किनारे लंबे समय से भादू पूजा मनाई जाती है। आस-पास के सभी घरों में भादू की पूजा की जाती है और लोकगीत गाया जाता है। घर-घर में गाना, नृत्य और खाने-पीने का रिवाज है। इसी में जलेबी बनाने का रिवाज प्रचलित हो गया। समय के साथ एक-दूसरे से बड़ी जलेबी बनाने की होड़ लगने लगी। इसी कारण जलेबी का साइज बढ़ता गया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments