भोपाल। पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज शहडोल जिले के पकरिया गांव में खटिया पर बैठ कर देसी अंदाज में आदिवासी समाज के लोगों, फुटबॉल क्लब के खिलाड़ियों, स्व-सहायता समूह की लखपति दीदियों से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री यहां आदिवासी समाज के साथ जमीन पर बैठ कर कोदो के भात, कुटकी की खीर खाएंगे। यह कार्यक्रम भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार होगा। प्रधानमंत्री के भोज में मोटा अनाज (मिलेट) को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। पकरिया गांव के जल्दी टोला में प्रधानमंत्री के भोज की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी वीडी शर्मा के अलावा प्रदेश की आदिवासी विकास विभाग की मंत्री मीना सिंह और अन्य नेताओं की मौजूदगी में होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पीएम मोदी शहडोल जिले के लालपुर में भी जनसभा को संबोधित करेंगे। यहां वे सिकल सेल एनीमिया मिशन की शुरुआत भी करेंगे।
आदिवासी परम्परा के वाद्य यंत्रों से होगी अगवानी
पीएम मोदी के शहडोल पहुंचने पर ढोल, मांदर, गुदुम, टिमकी, डहकी, माटी मांदर, थाली, घंटी, कुंडी, ठिसकी, चुटकुलों की ताल पर बांसुरी, फेफरिया और शहनाई की स्वर-लहरियों के साथ भील, गोंड, कोल, कोरकू, बैगा, सहरिया, भारिया आदि जनजातीय युवक-युवतियां स्वागत करेंगे। ये सभी पारम्परिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए पीएम का वेलकम करेंगे। पकरिया गांव के जनजाति समुदाय के भोजन में कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, साँवा, मक्का, चना, पिसी, चावल आदि अनाज शामिल है।
ग्रामीणों की पसंद का ध्यान रखते हुए पीएम मोदी के भोजन में इनमें से कई अनाज से पके पकवान शामिल किए गए हैं। पकरिया गांव सघन वन से आच्छादित एक ऐसा गांव है जहाँ 4700 लोग निवास करते हैं। इसमें 2200 लोग मतदान करते हैं। गांव में 700 घर जनजातीय समाज के हैं जिनमें गोंड समाज के 250, बैगा समाज के 255, कोल समाज के 200, पनिका समाज के 10 और अन्य समाज के लोग निवास करते हैं।