अयोध्या की यात्रा: मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद के चल्ला श्रीनिवास शास्त्री जो कि 65 वर्ष के हैैं। उन्होंने संकल्प लिया है कि वह अपने पिताश्री की इच्छा को पूरी करने के लिये 8000 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचेंगे। श्रीनिवासी शास्त्री अपने साथ पंचधातु की बनी हुई खड़ाऊ अपने सिर पर रखकर चल रहे हैैं। उनका उद्देश्य की वह यह खड़ाऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदान करें। जानकारी के लिये बता दें कि इससे पहले भी श्रीनिवास शास्त्री अयोध्या राम मंदिर के लिये पांच चांदी की ईंटों को दान कर चुके हैैं। श्रीनिवास शास्त्री ने अपनी पैदल अयोध्या यात्रा की शुरूआत 20 जुलाई को की है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने यात्रा के मार्ग में आने वाली सभी तीर्थस्थानों का भी दर्शन लाभ लिया। यात्रा के दौरान उन्होंने द्वारका, त्र्यम्बेश्वर ज्यार्तिलिंग और ओडिशा का जगन्नाथ जैसे धार्मिक स्थानों के भी दर्शन किये।
श्रीनिवासी शास्त्री बताते हैैं
श्रीनिवासी शास्त्री ने बातचीत के दौरान बताया कि उनके पिता की इच्छा पूरी करने के लिये वह यह यात्रा कर रहे हैैं। उनके पिता ने अयोध्या में कार सेवक रहे हैैं। पिता हनुमान के उपासक थे। मेरे पिता की बड़ी इच्छा थी कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं है इसीलिये मैैं उनकी इच्छा पूरी करने के लिये अयोध्या तक की यात्रा पैदल कर रहा हूं ताकि उनकी इच्छा पूरी कर सकूं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस यात्रा की शुरूआत की तो मजबूरीवश उन्हें कुछ दिनों के लिये इंग्लैंड जाना पड़ा था और इंग्लैैंड से लौटकर मैैंने अपनी यात्रा उसी स्थान से पुन: शुरू की जहां मैैं इसे छोड़कर गया था। श्रीनिवासी शास्त्री बताते हैैं कि उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में ही स्थायी से घर बना रहना चाहते हैैं। श्रीनिवास शास्त्री के पांच साथी भी उनके साथ चल रहे हैैं। अभी तक शास्त्री जी अयोध्या से 272 किलोमीटर दूर चित्रकूट पहुंच चुके हैैं।