नई दिल्ली । योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि आम नागरिकों को पता होना चहिए कि क्लाइमेट चेंज कितना खतरनाक है। उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा कि हमने नेट जीरो के टार्गेट को रखा है 2070 तक। यह बहुत ही अच्छा कदम है। यह टफ है। लेकिन 2070 काफी लंबा समय है। अगर हम ठान लें तो हम कर सकते हैं। भारत ने नवीकरणीय उर्जा पर काफी काम किया है।
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में ही सबसे अधिक कार्बन गैस का उत्सर्जन होता है। क्योंकि अधिकतर कोयला अधारित प्रोजेक्ट हैं। हमें इस क्षेत्र में कोयला से अपने आप को शिफ्ट करना होगा। हमें सौर ऊर्जा और पवन उर्जा पर शिफ्ट करने की जरूरत है।
अहलूवालिया ने कहा कि हम बस से लेकर अधिकतर ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल सकते हैं। इसकी शुरुआत हुई है इसे हम बढ़ा सकते हैं। रोड पर हमें वाहनों को कम करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के कैपिटल कॉस्ट अधिक होते हैं लेकिन उसके संचालन में कम खर्च होते हैं। सरकार को इसमें बैलेंस बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
आम नागरिकों को पता होना चहिए कि क्लाइमेट चेंज कितना खतरनाक है और इसे हम कितना कंट्रोल कर सकते हैं। हमें इसके लिए क्या प्रयास करने चाहिए। कंट्रोल करने के लिए हमारे हाथ में एक ही चीज है वो है कार्बन एमिशन को कम करना है।
आम नागरिकों को पता होना चहिए कि क्लाइमेट चेंज कितना खतरनाक है – मोंटेक सिंह अहलूवालिया
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