Sunday, September 24, 2023
Homeदेशजानें भारत के इन अजीबो गरीब बाजारों के बारे में, झील पर...

जानें भारत के इन अजीबो गरीब बाजारों के बारे में, झील पर लगता सब्जी बाजार

Unique marktes of India: आपको सामान्य बाजार हर जगह देखने को मिल जाएंगे, लेकिन भारत में कुछ ऐसे अलग और अनोखे बाजार भी हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरान हो जाते हैं। भारत की कई ऐसे शहर हैं, जो अपनी बाजारों के कारण प्रसिद्ध हैं। जैसे चिकनकारी के लिए लखनऊ प्रसिद्ध है। पूरे देश में आपको चिकनकारी के कपड़े मिल जाएंगे । लेकिन भारत में कई ऐसे बाजार हैं, जो सामान से ज्यादा वहां के माहौल के कारण मशहूर हैं। क्या आप किसी ऐसी बाजार में गए हैं, जहां सिर्फ महिलाएं ही दुकान पर बैठती हैं। जानें इनके बारे में।

अजीब गरीब बाजार

महिला बाजार: मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित इस बाजार को सिर्फ महिलाएं ही चलाती हैं। यहां मौजूद अधिकतर दुकानों पर महिलाएं ही बैठती हैं और इस कारण ये मार्केट काफी चर्चित भी है। इमा को मणिपुर की सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का केंद्र माना जाता है। पिछले 500 सालों से यह बाजार महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा हैं। इमा कीथेल बाजार में आपको सिर्फ महिला दुकानदार ही नजर आएंगी। यहां मौजूद सभी दुकानों को केवल महिलाएं ही चलाती हैं। इमा कीथेल का मतलब होता है ‘मां का बाजार‘।

सोनपुर मवेशी बाजार: बिहार में मौजूद ये जगह एशिया के सबसे बड़े पशु बाजारों में शुमार है। यहां महीने भर तक बाजार चलता है और इसे मेला भी कहा जाता है। यहां पक्षु जैसे, ऊंट, भैंस, हाथी, बकरी आदि लोग खरीदने और बेचने के लिए आते हैं।
जॉनबील मार्केट: इस बाजार को यहां की विनिमय प्रणाली खास बनाती है। कहते हैं कि इस बाजार की शुरुआत 15वीं शताब्दी में हुई थी और तब से यहां पर इस प्रणाली के तहत व्यापार किया जा रहा है.

अत्तर बाजार: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में अत्तर बाजार है। इस बाजार में सिर्फ इत्र यानी परफ्यूम मिलता है। यहां पर 650 से ज्यादा वैरायटी के परफ्यूम बिकते हैं। इस बाजार का इतिहास काफी पुराना है। राजा हर्षवर्धन के दौर से यहां अत्तर बाजार लगता आ रहा है।

डल झील बाजार: कश्मीर को भारत का स्वर्ग भी कहा जाता है और इसी कारण ये जगह भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां मौजूद डल झील पर सब्जी बाजार भी लगता है। नावों पर सब्जियां बिकने के कारण ये काफी अनोखा बाजार माना जाता है। कश्मीर का डल झील बाजार जा सकते हैं। इस बाजार की खास बात है कि यहां जमीन पर नहीं बल्कि डल झील पर सब्जी की बाजार लगती है। लोग नावों पर सब्जियां बेचते और खरीदते हैं।

जॉनबील मार्केट: एक जमाना था, जब रुपयों का आविष्कार नहीं हुआ था। उन दिनों बार्टर सिस्टम का चलन था। लोग अपनी जरूरत का सामान लेते थे और उसके बदले उनके पास जो सामान होता था वह दे देते थे। जैसे अगर आपके पास चावल अधिक है तो आप किसी से गेंहू लेकर उसे पैसों की जगह चावल दे सकते थे। लेकिन अगर कहें कि आज भी यह सिस्टम भारत में चला आ रहा है तो आप शायद यकीन न करें। असम में जॉनबील मार्केट है, जहां आज भी वस्तु विनिमय प्रणाली मौजूद है। 15वीं शताब्दी में इस बाजार की शुरुआत हुई थी, तब से इसी प्रणाली में बाजार का संचालन हो रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments