नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो दिवसीय 'नो मनी फॉर टेरर' कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। इस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न देशों के 450 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। पाकिस्तान को न्योता नहीं भेजा गया है। उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, खास बात यह है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। हमारे देश ने दुनिया के गंभीर रूप से ध्यान देने से बहुत पहले आतंक की भयावहता का सामना किया था। दशकों से, अलग-अलग नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। हमने हजारों बेशकीमती जानें गंवाईं लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता। पीएम मोदी ने आगे कहा, आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। यह कोई सीमा नहीं जानता। केवल एक साथ, जीरो टॉलरेंस के साथ किया गया प्रयास ही आतंकवाद को हरा सकता है। सब जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। टेरर फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है। इसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं। अब आतंकवाद की गति बदल रही है। तेजी से आगे बढ़ती तकनीक एक चुनौती और समाधान दोनों है। आतंक के वित्तपोषण बदल रहे हैं। भर्ती के लिए नए प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।