नई दिल्ली| केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने श्रद्धा हत्याकांड सहित आप के मंत्री सत्येंद्र जैन के ऊपर भी खुलकर बातचीत की। गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार श्रद्धा के हत्यारे को जल्द से जल्द कोर्ट के जरिए कठोर सजा दिलवाने का काम करेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने टाइम्स ग्रुप के कार्यक्रम में दिल्ली को झगझोर देने वाले श्रद्धा वॉकर हत्याकांड पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि श्रद्धा के हत्यारे को सबसे कम समय में कोर्ट के जरिए कठोर सजा दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि श्रद्धा की चिट्ठी जब पुलिस को मिली थी, तब महाराष्ट्र में हमारी सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा इसमें भी जो दोषी होगा उसपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। अमित शाह ने कहा कि एंटी कन्वर्जन कानून की जहां तक बात है, तो भाजपा की सरकारों ने अपने राज्यों में कानून बनाए हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने के लिए पहले इसकी व्याख्या करनी होगी कि ये हो सकता है या नहीं।
अमित शाह ने आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। किसी को समस्या है, तो वो न्यायपालिका का रूख कर सकता है। इसे राजनीतिक रंग से ना देखें। शाह ने कहा कि उनके जेल मंत्री को जेल जाने पर भी बर्खास्त नहीं किया जाता और फिर वो वहां सुविधाएं भोगते हैं। कानून निर्माताओं ने कभी कल्पना तक नहीं की थी कि कोई मंत्री इतनी निर्लज्जता से इस्तीफा नहीं देगा। उन्होंने कहा कि मैंने भी जेल जाने के बाद इस्तीफा दिया था। ऐसे लूपहोल्स को बहस करके सुधारने की जरूरत है।
वहीं अमित शाह ने विधानसभा चुनाव पर बात करते हुए कहा कि गुजरात में भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के साथ है। पिछला चुनाव प्रदूषित चुनाव था। कांग्रेस ने जातिवाद के 3 आंदोलन कर हवा खड़ी की थी। उन्होंने गुजरात, हिमाचल और एमसीडी तीनों जगहों पर भाजपा सरकार बनने की बात कही। शाह ने कहा कि भाजपा की योजनाएं और रेवड़ी बांटने में फर्क है। जितना बजट नहीं उससे ज्यादा तो उन्होंने फ्री की घोषणाएं कर दी हैं।
अमित शाह ने राहुल गांधी की सावरकर पर टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि सभी को अकेले सावरकर और वीर सावरकर का अंतर समझना जरूरी है। 130 करोड़ लोगों ने उन्हें वीर सावरकर की उपाधी दी है। शाह ने कहा कि जो लोग आज टिप्पणी कर रहे हैं, वो 10 दिन सावरकर की तरह जेल में रहकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि सावरकर पर ओछी टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं है। जनता इसका उन्हें जवाब देगी। शाह ने ये भी कहा कि जवाहरलाल नेहरू और वीर सावरकर में अंतर है। नेहरू राजनेता थे, वो प्रधानमंत्री बने। वहीं वीर सावरकर चुनाव नहीं लड़े थे और देश के लिए समर्पित थे।