Friday, October 11, 2024
Homeदेशश्रीमद् भागवत कथा : रुक्मिणी विवाह की कथा श्रवण से मिलता...

श्रीमद् भागवत कथा : रुक्मिणी विवाह की कथा श्रवण से मिलता दाम्पत्य सुख…

श्रीमद् भागवत कथा : वाराणसी नरपतपुर श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक मनीष कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव-गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना और रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया।

य‍ह भी पढ़ें… Rashifal (December 2022) : दिसंबर महीने का राशिफल, किस राशि की चमकेगी किस्मत…

कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बारात बैंडबाजों के साथ निकाली गई। पंडाल में कृष्ण और रुक्मिणी बने प्रिया और मुस्कान का आकर्षक रंगोली सजाकर भगवान श्रीकृष्ण का स्वागत किया गया सखियों के साथ रुक्मिणी देवी जी को पांडाल में लाया गया। मंच पर भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी देवी जी का वरमाला कार्यक्रम हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कन्यादान में भाग लिया। पांडाल में पुष्प वर्षा हुई। श्रीकृष्ण जी व रुक्मिणी जी की नयनाभिराम झांकी सजाई गई थी साथ ही विवाह प्रसंग का अत्यंत सजीव व मनोरम प्रस्तुतिकरण भी किया गया।जिसे देख श्रद्धालु भाव- विभोर हो गए। रूकमणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

य‍ह भी पढ़ें… Rashifal (December 2022) : दिसंबर महीने का राशिफल, किस राशि की चमकेगी किस्मत…

कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। तथा उन्होंने कहा जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है। वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे।उन्होंने कहा कि रुकमणी के भाई रुकमि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था। लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेगी। उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है। और द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण सत्य मार्गी है। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपनाएगी। अंत में भगवान द्वारकाधीश जी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया और उन्हें पत्नी के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया।

रुक्मणी विवाह प्रसंग पर आगे कथावाचक ने कहा इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। पीले वस्त्र धारण किए कन्या दान करने वालों में भगवद प्रेमी उमाशंकर, रविशंकर, बृजेश, गृजेश सपत्नी समेत अनूप,अर्पित, सत्यम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group