SBI Report on Voters : पिछले एक दशक में महिला वोटरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका असर विधानसभा चुनावों में साफ तौर पर दिखने लगा है। महिला वोटरों की बढ़ती संख्या आने वाले दिनों में और तेज होने वाली है। वर्ष 2024 के आम चुनाव तक देश के कुल वोटरों की संख्या में 49 फीसद महिलाओं की होगी। सत्ता की चाबी महिला वोटरों के पास है। एसबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2047 तक 55 फीसद होंगी। वर्ष 2024 के आम चुनाव तक देश के कुल वोटरों की संख्या में 49 फीसद महिलाओं की होगी। वर्ष 2049 तक तक तो देश के कुल वोटरों में महिलाओं की संख्या 55 फीसद होगी और 45 फीसद पुरूष होंगे। यह बात गुरुवार (14 दिसंबर) को एसबीआई की तरफ से जारी एक विशेष रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट ने आंकड़ों के जरिए परोक्ष तौर पर यह भी बताया है कि हाल ही में संपन्न मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में पूर्व पीएम शिवराज सिंह चौहान की तरफ से घोषित लाड़ली बहना योजना की वजह से यह आकलन किया गया है कि भाजपा को 30-35 विधान सभा सीटों पर जीत मिली है।
महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर जोर
रिपोर्ट ने इस बात की तरफ भी ध्यान आकर्षित करवाया है कि कैस देश की इकोनमी में महिलाओं के योगदान को हमेशा कमतर करके आंका गया है। जबकि वैसी महिलाएं जिनको कोई भुगतान नहीं किया जाता, उनका देश के कुल जीडीपी में योगदान 7.5 फीसद के बराबर है। हालांकि अब यह सामान्य तौर पर देखा जा रहा है कि महिला सशक्तिकरण पर जोर है और महिलाओं के लिए कई तरह की स्कीमें लाने की भी होड़ मची हुई है।
एक वजह यह भी है कि वोटिंग पैर्टन से साफ हो रहा है कि वोट देने वालों में पुरूषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। सरकार की हर स्कीम में महिलाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वर्ष 2014 के चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 55 करोड़ थी जिसमें महिला वोटरों 26 करोड़ थी। वर्ष 2019 में कुल वोटर हो गये 62 करोड़ जिसमें महिलाएं थी 30 करोड़।
2029 में 50 प्रतिशत से अधिक होगी महिला वोटर
इस रफ्तार से वर्ष 2024 में कुल वोटर होंगे 68 करोड़ और इनमें महिलाएं होंगी 33 करोड़। वर्ष 2029 में कुल वोटर होंगे 73 करोड़ जिसमें 37 करोड़ (50 फीसद से ज्यादा) महिलाएं होंगी। वोटिंग में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी को पिछले एक दशक की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर चिन्हित करते हुए रिपोर्ट कहती है कि चुनावों के परिणाम महिलाओं की हिस्सेदारी काफी हद तक प्रभावित करने लगी हैं। पिछले पांच वर्षों में 23 राज्यों में चुनाव हुए हैं। इनमें 18 राज्यों में महिला वोटरों की हिस्सेदारी पुरूषों से ज्यादा रही है। इन 18 राज्यों में से 10 राज्यों में पिछली सरकारों की ही दोबारा चुना गया है।
रिपोर्ट में लाड़ली बहना योजना का जिक्र
इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा गया है। इस योजना से महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बन कर उभरेंगी और उन प्राथमिकताओं पर ध्यान दे सकेंगी जिस वो अभी तक नजरअंदाज कर रही थी। रिपोर्ट में भारत सरकार की पीएमजेडीवाई, मुद्रा, पीएमयूवाई जैसी योजनाओं का भी जिक्र है जिसके जरिए पूरे देश में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश जारी है। एसबीआई की यह रिपोर्ट कहती है कि भविष्य में केंद्र व राज्यों की विभिन्न योजनाएं महिलाओं की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत करेंगी जिसका असर पूरे समाजिक व्यवस्था पर भी दिखा।