भोपाल भोपाल-इंदौर बायपास स्थित भौंरी बकानिया में स्थित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के डिपो में शुक्रवार रात फिलिंग पॉइंट में ईंधन भरते समय टैंकर में हुए ब्लास्ट से 7 लोग झुलस गए। इनमें 4 की हालत नाजुक है, जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों में 6 टैंकर के ड्राइवर-क्लीनर हैं, जबकि एक BPCL का ठेका कर्मचारी है। मौके पर मौजूद टैंकर ड्राइवर ने उस डरावने मंजर को बयां किया।
हर रोज 100 से अधिक टैंकर में लोडिंग
भारत पेट्रोलियम के डिपो से हर रोज करीब 100 टैंकर में डीजल भरा जाता है। हर वक्त 10-150 लोग डिपो में मौजूद रहते हैं। मप्र टैंकर वर्कर एसोसिएशन के कोषाअध्यक्ष शौकत अली ने डिपो के मैनेजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अली का कहना कि डिपो में टैंकर में ईंधन भरने का समय सुबह 7 बजे (सूर्योदय) से शाम 6 बजे (सूर्यास्त) के बीच है, लेकिन डिपो मैनेजर अपने कर्मचारियों को ओवर टाइम का वेतन बढ़ाने के चक्कर में रात 10 बजे तक टैंकरों में ईंधन भरवाता है। सुबह से खड़े टैंकरों को शाम को एंट्री दी जाती है। फिर ईंधन भरने के बाद भी दो-दो घंटे डिपो के अंदर ही गाड़ियों को खड़ा किया जाता है, जबकि 1 टैंकर भरने में अधिकतम 15 मिनट का वक्त लगता है। अली ने दावा किया कि भारत पेट्रोलियम के डिपो में पुराने तकनीक से ईंधन फीलिंग की जाती है। न ही इनके पास कंप्यूटराइज मशीनें हैं, न ही नई तकनीक के सुरक्षा उपकरण। हालात यह हैं कि ईंधन मापने की ऑटोमैटिक मशीन तक नहीं है। मीटर तक सेट नहीं हैं। डीजल अधिक-कम होने पर बाल्टी से भरा, निकाला जाता है, जबकि दूसरी तरफ रिलायंस डिपो में हाईटेक तकनीक के सुरक्षा उपकरण हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मैनेजर को नहीं हटाया गया तो यूनियन सप्लाई नहीं होने देगा।
इंदौर के टैंकर में हुआ ब्लास्ट, तीसरे कंपार्टमेंट में ब्लास्ट
जिस टैंकर (MP09GF4775) में ब्लास्ट हुआ, वह इंदौर परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड है। परिवहन विभाग की वेबसाइट के मुताबिक टैंकर Panjon काॅलोनी इंदौर निवासी सीताराम साहू के नाम से रजिस्टर्ड है। इसका रजिस्ट्रेशन नवंबर 2021 में हुआ। टैंकर में 12 हजार लीटर फ्यूल भरा जाता है। टैंकर के अंदर तीन कंपार्टमेंट हैं। इनमें 4-4 हजार लीटर ईंधन भरा जाता है। बताया गया कि हादसे के वक्त टैंकर के 1 कंपार्टमेंट में पेट्रोल भरा था, जबकि दूसरे में डीजल भरा जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। ब्लास्ट तीसरे कंपार्टमेंट में हुआ। जिला प्रशासन, पुलिस ने टैंकर की जांच शुरू कर दी है। घटना को लेकर एक्सपर्ट से इसकी जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही डिपो की सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में टैंकर के ऊपर ईंधन भरने के लिए बने ढक्कन के पास टैंकर का कुछ हिस्सा फटा है, जिससे ब्लास्ट होने की बात कही जा रही है।
पेट्रोलियम कंपनी का विश्वस्तरीय सुरक्षा का दावा
घटना के बाद भारत पेट्रोलियम प्रबंधन की तरफ से अधिकारिक बयान जारी किया गया। बताया गया कि तीन टैंकरों के चालक दल के छह लोग व 1 ठेका कर्मचारी घायल हुआ है। घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद स्टाफ ने तत्काल उपलब्ध संसाधनों से आग पर काबू पा लिया। घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। घटना की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही हम रिपोर्ट देंगे। दावा किया गया कि डिपो में विश्वस्तरीय सुरक्षा मापदंड लागू किए गए हैं। डेढ़ महीने पहले ही इसकी सुरक्षा को लेकर ऑडिट हुआ है।
हादसे की वजह को लेकर अलग-अलग दावा-आशंका
हादसे को लेकर टैंकर वर्कर यूनियन से जुड़े अलग-अलग दावा, आशंका व्यक्त करते रहे। एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल रहमान राजा ने आशंका जताया कि टैंकर भरते समय प्राॅपर अर्थिंग नहीं रही होगी। इस वजह से हादसा हुआ होगा। अब्दुल ने यह भी आरोप लगाया कि प्लांट मैनेजर इकबाल सिंह ने ही देर रात तक फिलिंग शुरू कराई थी। विरोध के बावजूद भी नहीं माने। वहीं, कोषाअध्यक्ष ने शौकत अली ने कहा कि गाड़ी के अंदर स्पार्किंग से आग लगी होगी। इसकी वजह यह कि टैंकर में तेल अधिक-कम होने पर बाल्टी से डाला-निकाला जाता है। हालांकि हादसे के वक्त यह दोनों पदाधिकारी डिपो के अंदर मौजूद नहीं रहे।