भोपाल। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी हर वह दांव-पेंच इस्तेमाल करने की कोशिश में है, जो उसे सत्ता तक पहुंचा दे। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के 16 बड़े नेताओं को तीन-तीन, चार-चार जिलों की जिम्मेदारी सौंप दी है। पार्टी को उम्मीद है ये नेता कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना देंगे, लेकिन इस नयी व्यवस्था में मुश्किल उन नेताओं के लिए खड़ी हो गई है जो खुद चुनाव में उतरने वाले हैं।
अगर वो प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे तो फिर अपने निर्वाचन क्षेत्र में कब और कितना वक्त दे पाएंगे। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का कहना है पार्टी के बड़े नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। हफ्ते में एक दिन यदि वह प्रभार वाले जिले में जाते हैं तो इससे उनके विधानसभा क्षेत्र पर कोई असर नहीं होगा। लेकिन खबर यह है कि जिलों का प्रभार मिलने से कई नेता नाखुश हैं। एमपी कांग्रेस के संगठन प्रभारी राजीव सिंह का कहना है यदि कहीं कोई आपत्ति होगी तो उसका समाधान भी निकाला जाएगा।