रतलाम । रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर व रतलाम ग्रामीण के विधायक दिलीप मकवाना का घेराव करने के दौरान हुई झूमाझटकी व पत्थरबाजी के मामले में गिरफ्तार जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रदेश संरक्षक डा. अभय ओहरी, रतलाम ग्रामीण अध्यक्ष अनिल निनामा, विलेष खराड़ी, गोपाल वाघेला व इंदौर के आरटीआइ एक्टिविस्ट आनंद राय को जमानत नहीं मिली। न्यायालय में पांचों की तरफ से प्रस्तुत जमानत याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की गई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने पांचों आरोपितों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी। अब उनकी तरफ से उच्च न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन पेश किए जाएंगे। पुलिस ने पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर बुधवार को अजाजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम न्यायालय के विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान के समक्ष पेश किया था। आरोपितों की तरफ से जमानत के लिए आवेदन पेश किए गए थे।फरियादी को सूचना पत्र नहीं देने पर न्यायालय ने विशेष लोक अभियोजक को आदेशित किया था कि फरियादी को सूचना पत्र प्रेषित किया जाए। वहीं आरोपितों को 29 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। जमानत आवेदनों पर सुनवाई के 17 नवंबर की तारीख तय की गई थी। फरियादी विकास पारगी (उप सरपंच) को सूचना पत्र प्रेषित किया गया था, लेकिन वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। उनका प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने किया। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अभिभाषकों ने आरोपितों का पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपित निर्दोष है। राजनीतिक द्वेषता के चलते प्रकरण बनाया गया है व प्रकरण में भादंवि की धारा 333 बढ़ाई गई है। डा. आनंद राय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे। आरोपितों को जमानत का लाभ दिया जाए।
साक्ष्य प्रभावित कर सकते है, जमानत का लाभ न दिया जाए
शासन की तरफ से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने कहा कि जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक सुरक्षित नहीं है, तब समाज कैसे सुरक्षित रह सकता है। चूंकि प्रकरण में धारा 333 का इजाफा किया गया है, जिसमें दस वर्ष का कारावास व जुर्माना से दंडनीय है। आहत (कलेक्टर का गनमैन) जिला अस्पताल में उपचाररत है एवं वर्तमान में विवेचना जारी है। ऐसी स्थित में आरोपित साक्ष्य व फरियादी को प्रभावित कर सकते है। जमानत का लाभ देने से समाज में विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जमानत का लाभ न दिया जाए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी आरोपितों की जमानत याचिकाएं निरस्त करने का फैसला सुनाया।
डा. ओहरी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में कराया भर्ती
जिला (सक्रिल) जेल में बंद डा. अभय ओहरी की गुरुवार सुबह तबीयत बिगड़ गई। उनका दो माह पहले ही हार्ट का आपरेशन हुआ है। उन्हें जेल से दोपहर करीब 12 बजे पुलिस सुरक्षा के साथ जिला अस्पताल ले जाया गया। डाक्टर ने परीक्षण के बाद उन्हें सीसीयू वार्ड में भर्ती किया, जहां उनका उपचार चल रहा है। अस्पताल में वार्ड के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है। वहां मीडिया व अन्य लोगों को उनसे मिलने नहीं दिया गया। जनजातीय गौरव दिवस (भागवान बिरसा मुंडा जयंती) पर 15 नवंबर को बिलपांक थाना क्षेत्र के ग्राम बड़छापरा में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होकर सांसद गुमानसिंह डामोर व रतलाम ग्रामीण के विधायक दिलीप मकवाना रतलाम लौट रहे थे। तभी ग्राम धराड़ में जयस कार्यकर्ता सांसद व विधायक के काफिले के सामने आ गए व रतलाम में निवेश क्षेत्र का विरोध करते हुए घेराव कर दिया था। करीब 20 मिनट तक घेराव व नारेबाजी चलती रही। इस दौरान झूमाझटकी की स्थिति बन गई व कुछ लोगों ने पत्थर-बोतल फेंके। कलेक्टर के गनमैन संदीप चंदेल को चोट आई थी। मामले में पुलिस ने जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन ने प्रदेश संरक्षक डा. अभय ओहरी, आरटीआइ एस्टीविस्ट डा. आनंद राय, अनिल निनामा, विलेष खराड़ीव गोपाल वाघेला सहित करीब 50 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। रात में पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।