भोपाल। प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को अब 1500 से बढ़ाकर प्रतिदिन दो हजार रुपये मानदेय मिलेगा। वहीं इनका अधिकतम मासिक मानदेय प्रतिमाह 50 हजार रुपये होगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। यह एक अक्टूबर से लागू होगा। इससे प्रदेश के करीब 4500 अतिथि विद्वानों को लाभ मिलेगा। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 सितंबर को अतिथि विद्वानों की महापंचायत में 50 हजार रुपये निश्चित मासिक वेतन देने की घोषणा की थी।
हालांकि इस आदेश से अतिथि विद्वानों में नाराजगी है। उनका कहना है कि विभाग द्वारा जारी आदेश में प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलने से 50 हजार रुपये से कम मानदेय होगा, जबकि मुख्यमंत्री ने निश्चित मासिक वेतन 50 हजार रुपये तक देने की घोषणा की थी। इसी बीच प्रदेश के कालेजों में नियमित शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस बार पहली बार अतिथि विद्वानों को साल में 13 दिन का आकस्मिक और तीन दिन ऐच्छिक अवकाश दिया जाएगा। इस बार आवेदन आनलाइन होंगे। आदेश के अनुसार अतिथि विद्वानों के लिए योग्यता संबंधित विषय, सह विषय में न्यूनतम नेट, एमपी सेट या पीएचडी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसमें अनुभव के अंक भी दिए जाएंगे। प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि अतिथि विद्वान के कार्य पर उपस्थित होने पर उसकी उपस्थिति उसी दिन में शाम 5:30 बजे तक अनिवार्य रूप से आनलाइन माड्यूल में दर्ज किया जाए।
कॉलेज में नियमित शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया गया हैं। इसके लिए भी आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के अनुसार स्थिति विद्वानों को संबंधित विषय में न्यूनतम नेट आवश्यक है। इसके अलावा MPTETऔर PhD उत्तीर्ण होना भी आवश्यक है।