भोपाल: मध्यप्रदेश की नई सरकार ने लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojna) पर अपना रुख साफ कर दिया है। डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) के सीएम बनने के बाद से यह सवाल लोगों के जहन में था कि बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojna) को जारी रखेगी या नहीं। अब खुद सीएम मोहन यादव ने विधानसभा में जानकारी दी कि लाडली बहना सहित कोई योजना बंद नहीं की जाएगी। सभी योजनाओं के लिए सरकार के पास पर्याप्त धनराशि है। दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण में लाडली बहना योजना का ज़िक्र नहीं किया गया था। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई गई लाडली बहना योजना को मध्यप्रदेश में बंद नहीं किया जाएगा।
मोहन यादव के सीएम बनने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना बंद हो जाएगी। अब सीएम ने इन सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है। सीएम ने साफ कर दिया है कि किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। सागर प्रशासन ने लाडली बहना योजना के अंतर्गत अपात्रों द्वारा लाभ लेने के संबंध में एक लेटर जारी किया था। जिसके बाद इस योजना के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे थे। सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी और साथ ही बीजेपी की सरकार के दौरान हुए कार्यों का भी जिक्र किया। मोहन यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ”बीजेपी ने मजदूर परिवार के बच्चे को मुख्यमंत्री पद तक का पहुंचाया। इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार जताता हूं। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है।”
विपक्ष को इसकी जानकारी नहीं है तो इसमें हमारा दोष नहीं हैं
वहीं, शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौर में शुरू की गई योजनाओं और विशेषकर लाडली लक्ष्मी योजना को लेकर विपक्ष की आशंकाओं का भी जवाब दिया। विधानसभा में वह बिंदुवार मुद्दों पर जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ”यह सवाल आया है कि कोई योजना पूरी नहीं होगी, बंद हो जाएगी। ऐसा कुछ नहीं है। यह अनावश्यक डर है। लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर कोई भी योजना बंद नहीं होगी। हमारे पास उसके लिए पर्याप्त धनराशि है। गैस कनेक्शन की राशि भी सभी को बराबर दी जाएगी।” यह कहते हुए सीएम अपनी सीट पर बैठ गए। हालांकि विपक्ष की तरफ से सवाल किए जाने पर वह फिर उठे और कहा, ”जिस योजना की जो तारीख है, उस तारीख पर राशि दी जा रही है। विपक्ष को इसकी जानकारी नहीं है तो इसमें हमारा दोष नहीं हैं।