MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस कैंडिडेट की दूसरी लिस्ट आते ही कलह शुरू हो गई है। कुछ नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है तो कुछ ने पार्टी का कोई काम न करने की बात कहकर विरोध जताया है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 230 में से 229 विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन
कांग्रेस कैंडिडेट की दूसरी सूची आने के बाद कांग्रेस में फैली विरोध की लहर बढ़ती जा रही है। प्रदेश में अनेक सीटों पर कार्यकर्ता खुलकर प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। कई सीटों पर नाम बदलने की मांग उठ रही है। इसके पहले भी कांग्रेस विरोध के चलते तीन टिकट बदल चुकी है। कांग्रेस में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को दूसरे दिन भी नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। सेवड़ा विधानसभा सीट से आए कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का पुतला दहन किया। इतना ही कार्यकर्ता यहीं नहीं रुके। वे पीसीसी में अंदर घुस गए और पोस्टर, नेमपेल्ट उखड़ कर फेंक दिए।
कई समर्थकों ने टिकट न दिए जाने पर विरोध जताया
कांग्रेस कार्यकर्ता का कहना था कि दिग्विजय सिंह एक सामंतवादी नेता हैं, वे पिछड़ा वर्ग का हक छीनने का काम कर रहे हैं। शुक्रवार को भी सेवड़ा विधान सभा सीट के कार्यकर्ताओं ने पीसीसी पर पहुंचकर कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध जताया था। दूसरी ओर कमलनाथ के बंगले पर पहुंचकर भी कई समर्थकों ने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की और टिकट न दिए जाने पर विरोध जताया। खातेगांव में भी कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जोशी का विरोध बढ़ता जा रहा है। उनकी कार पर पथराव तक किया गया।
पुतले को आग लगने से पहले नाराज दावेदार दामोदर सिंह यादव ने कहा कि निकम्मे बाप और नाकारा बेटा कांग्रेस में आग लगा रहे हैं तो इनमें आग लगा दो, जिसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के पुतले में आग लगा दी। दिग्विजय सिंह के पुतले पर लिखा दिग्विजय सिंह निकम्मा बाप। जयवर्धन के पुतले पर लिखा जयवर्धन सिंह नाकारा बेटा। इसके साथ ही कार्यकताओं ने पीसीसी में लगे दिग्विजय सिंह के फोटो पर जूते बरसाए और कीचड़ भी पोती। कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया कि अपने कमलनाथ से बैर नहीं दिग्गी तेरी खैर नहीं।
दिग्गज नेता मनुहार में जुटे
विरोध को शांत करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता मनुहार में जुट गए हैं। दिग्विजय सिंह ने खुद नाराज कार्यकताओं को मनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। एआईसीसी सचिवों को भी रूठों की मनुहार में जुटाया गया है। इसके लिए पार्टी पद, मान सम्मान, आश्वासन हर पैंतरा अपना रही है।