भोपाल। नगर निगम प्रशासन आर्किटेक्ट – स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स से कंपाउंडिंग शुल्क की वसूली कराएगा। इसके लिए जल्द ही निर्देश जारी होंगे। इससे निगम अपने खाली खजाने में करीब 72 करोड़ रुपए की आय का अनुमान लगा रहा है। निगम में पजीबद्ध शहर के करीब 500 आर्किटेक्ट- स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स ने बीते पांच साल में करीब 35 हजार अनुमतियां जारी की हैं। निगम अफसरों के अनुसार इनमें से 70 फीसदी में दी गई अनुमति से अधिक निर्माण है। अब शासन के 30 फीसदी तक कंपाउंडिंग से वैध करने के नियम के तहत यहां कार्रवाई कराने की योजना है। ऐसा है तो फिर अतिरिक्त निर्माण से निगम को संबंधित क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन के तहत प्रतिवर्गफीट अतिरिक्त निर्माण के अनुसार कंपाउंडिंग शुल्क मिलेगा।
गौरतलब है कि शासन ने निकायों के खाली खजाने को भरने के लिए कंपाउंडिंग का दायरा दस फीसदी से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया है। हालांकि इसमें 20 प्रतिशत तक की कंपाउंडिंग में दस फीसदी का शुल्क निगम को जमा करना होगा, बाकी राशि टीडीआर पॉलिसी के तहत देना होगी। इससे निगम को भी लाभ होगा और योजनाओं में अधिग्रहित की गई जमीन के मालिकों को भी मुआवजा राशि मिल जाएगी।
निगम में अनुज्ञा के लिए तीन तरीके
- इसमें निगम खुद अनुज्ञा देता है। इसके लिए एबीपीएस पार्ट दो के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
- 3000 वर्गफीट से कम के भूखंड पर अनुमति के लिए आर्किटेक्ट-स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स को पंजीबद्ध किया हुआ है। यहां सीधे अनुमति दी जाती है।
- ऑनलाइन तरीके से मॉडल ड्रांइग के आधार पर भू स्वामी खुद भी अनुमति के लिए प्रक्रिया कर सकता है।
ऐसे समझे अनुज्ञा का अंकगणित
- 13 हजार हर साल अनुमति जारी होती है
- 5.50 लाख भवन इस समय शहर में
- 21 जोन में भवन अनुज्ञा इंजीनियर्स की नियुक्ति की हुई है
- 30 फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण की कंपाउंडिंग का है नियम
- 122 करोड़ रुपए कंपाउंडिंग से कमाई का अनुमान है
- 35 हजार अनुज्ञा दी है इंजीनियर्स ने
- 70 फीसदी में हो गए अतिरिक्त निर्माण
नीरज आनंद लिखार, चीफ सिटी प्लानर, नगर निगम भोपाल का कहना है कि इंजीनियर्स के माध्यम से दी जा रही अनुज्ञाओं की जांच कराने के साथ पंजीयन का काम भी कराया जा रहा है। अतिरिक्त निर्माण पर कंपाउंडिंग तो करना ही होगी।