Success Story: कहते हैं अगर दिल में कुछ कर गुजरने की लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आड़े नहीं आ सकती। लगातार कोशिशों के बाद जब कामयाबी मिलती है तो उसका मजा ही कुछ दूसरा होता है। मध्य प्रदेश के 56 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड राजकरन ने भी कुछ ऐसा ही मुकाम हासिल किया। राजकरन का बस एक ही सपना था गणित में मास्टर्स की डिग्री हासिल करना, इसके लिए उन्होंने लगभग आधा जीवन बिता दिया। गणित में एमएससी करने के लिए वो लगातार प्रयास करते रहे। इस दौरान वो 23 बार असफल हुए। एक सुरक्षा गार्ड के रूप में डबल शिफ्ट किया, कई बार मुश्किल परिस्थितियां भी आईं। बावजूद इसके उन्होंने अपने जुनून को जीवित रखा और आखिरकार 2021 में उन्होंने एमएससी परीक्षा पास कर ली।
“मेरे पास गणित में एमएससी की डिग्री है
जबलपुर के रहने वाले56 वर्षीय राजकरण बरौआ से सच साबित कर दिखाया है। राजकरण के पास आज भले ही घर, स्थायी नौकरी, परिवार और बचत नहीं है, लेकिन अब वह गर्व से कहते हैं, “मेरेपास गणित में एमएससी की डिग्री है।” जिसे हासिल करने में उन्हें दो-चार-पांच साल नहीं बल्कि लगभग 25 साल लग गए राजकरण ने गणित में मास्टर डिग्री हासिल करने के अपने सपने का पीछे लगभग आधा जीवन लगा दिया। वह 23 बार असफल हुए, लेकिन एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में डबल शिफ्ट और अनेक कठिनाइयों और अंतहीन विषम नौकरियों के बीच भी उन्होंने अपने जुनून को जिंदा रखा और आखिरकार 2021 में पास हो गए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, राजकरण ने बताया कि मैंकेवल बंद दरवाजों के पीछे ही जश्न मना सकता था। मैं बाहर जाकर किसी को नहीं बता सका क्योंकि मेरे मालिक मेरा उदाहरण देकर अपने बच्चों को ताना मारते थे। वे कहते थे कि उसके दृढ़ संकल्प को देखो और इस उम्र में वह कितनी मेहनत से पढ़ाई कर रहा है। मैं उन्हें शर्मिंदा नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने चुपचाप जश्न मनाया और इसे अपने तक ही सीमित रखा। राजकरण ने कहा कि अब मैंने वह नौकरी छोड़ दी है, इसलिए मैं लोगों को बता सकता हूं।
सपना पूरा करने के लिए राजकरण ने नहीं की शादी
उन्होंने बता कि इस कठिन रास्ते पर 2015 में उनके बारे में एक रिपोर्ट उत्साहजनक थी। मैं अपने 18वें प्रयास में असफल हो गया था और हतास महसूस कर रहा था, लेकिन एक बार रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद लोगों ने मुझे अलग तरह से देखना शुरू कर दिया। टीवी चैनल मुझे तलाश करने लगे, जो मेरे लिए एक बड़ी इंंस्पिरेशन डोज थी। राजकरण रात में 5,000 रुपये प्रति माह पर सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं मुश्किल से अपना गुजारा कर पाता हूं, लेकिन मेरा मानना है कि पिछले 25 वर्षों में मैंने इस एमएससी गणित की डिग्री पाने के लिए किताबों, एग्जाम फीस और संबंधित खर्चों पर 2 लाख रुपये खर्च किए हैं। मैं तो बस यही चाहता था कि इस परीक्षा को पास करूँ और गणित में स्नातकोत्तर कहलाऊँ। सपना पूरा करने के लिए नहीं की शादी राजकरण की गणित के प्रति लगन और जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अब तक शादी भी नहीं की।
उन्होंने कहा कि मेरी शादी मेरे सपने से हुई थी। उन्होंने कहा कि गणित में एमएससी की डिग्री के प्रति इतने जुनून का कारण बताते हुए राजकरण ने कहा कि 1996 में एम. ए. करने के बाद मैं एक स्कूल गया और वहां छात्रों से बातचीत की। मैंने जिस तरह से बच्चों को गणित पढ़ाया, शिक्षकों ने उसकी सराहना की। इसके बाद मेरे मन में गणित में एमएससी करने का विचार आया। उन दिनों आपके पास ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ एमएससी करने का विकल्प होता था। उन्होंने कहा कि मैंने 1996 में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गणित में एमएससी के लिए आवेदन किया था और जिसे स्वीकार कर लिया गया। उस वक्त उन्होंने यह पता नहीं था कि यह कितना कठिन होगा, जिसे पूरा करने में उन्हें 25 साल की कड़ी तपस्या करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मुझे यह भी नहीं पता था कि मेरे पास दृढ़ संकल्प का इतना भंडार है।
10 साल तक 1 ही सब्जेक्ट में होते थे पास
राजकरण ने बताया कि 1997 में, मैं अपनी पहली बार एमएससी परीक्षा में बैठा और फेल हो गया। अगले 10 वर्षों तक मैं पांच विषयों में से केवल एक में ही पास हो सका, लेकिन कभी हार नहीं मानी। मैंने इस बात की परवाह नहीं की कि लोग क्या कहते हैं, और मैंने अपने काम और सपने पर ध्यान केंद्रित किया। फिर, मैंने दो सब्जेक्टों में पास होना शुरू किया। आखिरकार, 2020 में, कोविड-19 महामारी के दौरान, मैंने अपनी प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की और 2021 में मैंने दूसरे वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली।