Railway Tunnel: आज से लगभग 28 साल पहले 1996 में राजस्थान की सबसे बड़ी टनल परियोजना स्वीकृत की गई थी। इस सुरंग की लंबाई 2 हजार 171 मीटर रखी गई थी। आज से 28 साल पहले जब इस परियोजना को स्वीकृति मिली थी उस समय इस परियोजना की लागत 200 करोड़ के आसपास आंकी गई थी। इस परियोजना की अब लगात बढ़कर 826 करोड़ रुपये हो चुकी है। इस परियोजना के तहत दौसा से लेकर गंगापुर रेल परियोजना के तहत यह सुरंग बनायी जानी थी। 28 साल बाद अब दौसा-गंगापुर रेल परियोजना के तहत यह सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है। राजस्थान में बनाई गई सबसे बड़ी टनल में 120 किलामीटर प्रति घंटे की स्पीड से रेल इंजन को दौड़ाकर ट्रायल कर लिया गया है। यह ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा। इस टनल की लंबाई 2 हजार 171 मीटर है। ट्रायल के दौरान इंजन की रफ्तार को 120 किलोमीटर प्रति घंटे पर जांचा गया। अब ये टनल पूरी तरह से रेल के आवागमन के लिए तैयार है। जल्द ही इस टनल को ट्रेनों के लिए खोल दिया जाएगा। टनल में 120 किमी की रफ्तार से दौड़ाए गए ट्रेन के इंजन की वीडियो भी सामने गया है। दौसा-गंगापुर रेल परियोजना के तहत यह टनल लालसोट इलाके के डिडवाना से इंदावा गांव के बीच में स्थित पहाड़ में बनाई गई है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी सुरंग है। इस रेलवे ट्रैक पर पूर्व में ट्रेनों को तेज गति से दौड़ाकर जांचा गया था। लेकिन सुरंग में से ट्रेन या इंजन को नहीं दौड़ाया गया था। रविवार को इस सुरंग से ट्रेन के इंजन को स्पीड में दौड़ाकर इसकी मजबूती और अन्य सुरक्षा मापदंडों का परीक्षण किया गया। यह पूरी परियोजना करीब 92.67 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक की है। इस ट्रैक पर नांगल राजावतान, डिडवाना, लालसौट बनौरी, बनियाना, सलेमपुर, पिपलाई, मंडावरी, उदयकलां, बामनवास और बामनवास रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं। इसी परियोजना के तहत यहां लालसोट से डिडवाना तक राजस्थान की सबसे लंबी सुरंग बनाई गई है। इस परियोजना से अहमदाबाद-दिल्ली और दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक एक दूसरे से आपस में जुड़ जाएंगे। इससे आने वाले समय में लंबे दूरी की गाडियो के इस मार्ग से निकलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इससे दौसा और गंगापुर के साथ नए बने स्टेशनों को भी बड़ा फायदा मिलेगा।