Friday, March 29, 2024
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इन गलतियों की वजह से ज्यादा फटते हैं गाड़ियों के टायर ?

अगर आपके कार के टायर की कंडीशन अच्छी होती है तो उसका परफार्मेंस भी बेहतर होता है. समय के साथ टायर्स की स्थिति खराब होती है. घिस जाते हैं. साथ ही वाहन के माइलेज पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ता है. इस दौरान उन्हें बदलने की जरूरत पड़ती है. अगर आप वक्त रहते अपने टायर को नहीं बदलते हैं तो आपके लिए ये काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. इससे आपका आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ में आपके सामने दुर्घटना जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं. बता दें कि देश में टायर फटने की वजह से काफी दुर्घटनाएं होती हैं कार का टायर कई कारणों से फटता है. हम इन्हीं कारणों पर नजर डालेंगे. साथ ही कुछ उन उपायों के बारे में भी बात करेंगे ताकि ऐसी स्थितियों को रोका जा सके

सड़कों की स्थिति के चलते फट सकता है टायर

सड़कों की स्थिति के चलते भी टायर फटने जैसी स्थिति सामने आ सकती हैं. अक्सर सड़क पर मौजूद उबड़-खाबड़ गड्ढों से हम बचकर निकल लेते हैं. लेकिन कई बार हम ध्यान नहीं देते हैं और टायर गड्ढों में उसकी नुकीली परत से टकड़ा जाता है. अगर आपके कार का टायर पुराना है और घिस चुका है तो ऐसी स्थिति में टायर फटने की आशंका बढ जाती है.

ज्यादा तापमान कार के टायर के लिए नुकसानदेह

हीट-बिल्ड अप के कारण टायरों के अंदर की हवा गर्म होने लगती है. ड्राइविंग के वक्त सड़क की सतह और टायर के बीच घर्षण होता है. इससे काफी अधिक तापमान जनरेट होता है और टायर की रबर कमजोर हो जाता है, जिसके चलते टायर फटने की घटनाएं बढ़ सकती है.

निश्चित गति पर चलाएं वाहन

बाजार में उपलब्ध प्रत्येक टायर के एक निश्चित गति सीमा तय होती है. ज्यादा तेज कार को ड्राइव करने पर टायर उस गति को झेलने में सक्षम नहीं होता है. इस दौरान सड़क की सतह और टायर घर्षण से ज्यादा तापमान जनरेट करने करते हैं ऐसी स्थिति में टायर फटने की घटनाओं में इजाफा हो सकता है.

ओवरलोडिंग के चलते टायर फटना संभव

कार को ओवरलोड करने से भी टायर फटने का कारण हो सकता है. ओवरलोडिंग के चलते कार का सारा वजन टायरों पर ट्रांसफर हो जाता है ऐसे में लो क्वाॉलिटी या पुराने हो चुके कार के टायर की फटने की आशंकाएं बढ़ जदाती है

टायर फटने से बचने के उपाय

  1. सभी टायर ट्रेड वियर इंडिकेटर बार के साथ आते हैं. यह इंडिकेटर हमें बताता है कि टायर को कब बदलना चाहिए. सामान्यत: टायर की गहराई 1.5 मिमी होनी चाहिए. यदि टायर खराब हो जाए या उसकी गहराई कम हो जाए तो इंडिकेटर बार बाकी टायर के साथ ओवरलैप हो जाएगा. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके टायर बदल लें.
  2. टायर का दबाव गर्मी के साथ बढ़ता है और तापमान कम होने पर घटता है,। इसलिए अपने आसपास के मौसम की स्थिति से भी अवगत रहें. अपने वाहन को सही टायर प्रेशर के साथ ही राइड करें.
  3. प्रत्येक कार को केवल एक निश्चित स्तर के वजन को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस स्थिति का पालन करें. अगर आप ओवरलोडिंग करेंगे तो आपके सामने गंभीर स्थिति सामने आ सकती है, टायर फटने के चलते कार दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकती है.
  4. सही ब्रांड के टायरों का ही चुनाव करें अनजाने ब्रांडों या नकल करने वालों के साथ नहीं जाएं. इनसे दूर रहने में ही भलाई है. गलत टायर का चुनाव आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है
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