Saturday, April 19, 2025
Homeदुनियापाकिस्तान के खनिज निवेश का विरोध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में गुस्से...

पाकिस्तान के खनिज निवेश का विरोध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में गुस्से की लहर

पाकिस्तान: दुनिया भर से निवेश बुलाना पाकिस्तान के लिए जितनी बड़ी कामयाबी लग रही है, असल में उतना ही बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है. वजह? जिन जमीनों के नीचे खजाना दबा है जैसे बलूचिस्तान, गिलगित बाल्टिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, उन्हीं जमीनों के लोग अब सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. वहाँ के लोगों को लग रहा है कि उनकी जमीनें तो लूटी जा रही हैं, लेकिन हिस्सेदारी में वो पीछे छूट रहे हैं. यानी पाकिस्तान ने खनिज बेचने की तैयारी तो कर ली, लेकिन उन्हें निकालने से पहले ही विरोध की दीवार खड़ी हो गई है.

फोरम में सऊदी यूएस चीन से हुआ सौदा
दरअसल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 8 और 9 अप्रैल को पाकिस्तान खनिज निवेश फोरम 2025 का खूब शोर हुआ. जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान अब अपनी मिट्टी के नीचे छुपे अरबों डॉलर के खजाने को दुनिया के सामने लाने जा रहा है. मंच से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऐलान कर दिया कि अब देश को किसी कर्ज देने वाले की जरूरत नहीं क्योंकि अब हमारी खदानें हमारी ताकत बनेंगी. इस फोरम में अमेरिका, सऊदी अरब और चीन जैसे देशों से आए 300 से ज्यादा निवेशकों ने हिस्सा लिया. डील्स हुईं, वादे किए गए और इसे पाकिस्तान की इकोनॉमी के लिए 'गेमचेंजर' बताया गया. लेकिन असली सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान इन खदानों को वाकई खोद पाएगा?

बलूचिस्तान के लोगों में नाराजगी
बलूचिस्तान की रेको डेक खदान, जहां तांबे और सोने के भंडार हैं. वहां लोगों का गुस्सा सबसे ज़्यादा है. उनका आरोप है कि इस्लामाबाद सिर्फ विदेशी ताकतों और राजधानी के अमीर लोगों की जेब भरना चाहता है. खनिज उन्हीं की ज़मीन से निकलेंगे, मगर फायदा दूसरों को मिलेगा. खैबर पख्तूनख्वा, जो लंबे समय से रत्नों के लिए मशहूर रहा है, वहां भी स्थानीय लोग कह रहे हैं कि हमें तो सिर्फ धूल ही मिलती है. एक बुज़ुर्ग आदिवासी का कहना था, 'इन पहाड़ों से दौलत निकलती है, लेकिन हमारे बच्चे भूखे हैं'    .

इन दो प्रांतों में लोग कर रहे विरोध प्रदर्शन
गिलगित-बाल्टिस्तान में भी माहौल गरम है. सोना, यूरेनियम और कीमती पत्थरों की भरमार वाले इस इलाके में चीनी कंपनियों को खनन के पट्टे दिए गए हैं, जिसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. स्थानीय लोगों को डर है कि बाहरवाले उनकी ज़मीन का खजाना ले जाएंगे और बदले में कुछ नहीं मिलेगा. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की हालत भी कुछ अलग नहीं. यहां मणिक और नीलम जैसे कीमती रत्नों के बड़े भंडार हैं. पूर्व प्रधानमंत्री सरदार अतीक अहमद खान ने साफ कहा-'हमारे खनिज विदेशी जेबों में जाएंगे और हमारे हिस्से में सिर्फ धूल ही बचेगी. सरकार भले ही विदेशी निवेश के जरिए देश की किस्मत बदलने का सपना दिखा रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि जिन इलाकों से खनिज निकाले जाएंगे. वहीं के लोग खुद को सबसे ज्यादा ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं'.

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group