MP News: मप्र में अन्य प्रदेशों की महिला अभ्यार्थियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं मिलेगा। मप्र हाईकोर्ट ने आज ये फैसला दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने आरक्षण पर दिए आज फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच के फैसले का हवाला दिया।जबलपुर हाईकोर्ट ने आरक्षण पर दिए आज फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच के फैसले का हवाला दिया। जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये अहम फैसला सुनाया।
जबलपुर हाईकोर्ट में राजस्थान निवासी सीमा सोनी याचिका लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की। सीमा सोनी नामक महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि ये सविंधान के मौलिक अधिकारों में शामिल है कि किसी भी भारतीय नागरिक के साथ उसके जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा मध्य प्रदेश राज्य की सीमा में शादी किए जाने पर महिलाओं को यहां सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश का हवाला दिया।
ये है मामला
जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये अहम फैसला सुनाया। इस याचिका में आरक्षित वर्ग की महिलाओं को आरक्षण से वंचित रखने के सरकार के नियमों को चुनौती दी गई थी। राजस्थान निवासी सीमा सोनी की मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाले युवक से शादी हुई थी। शादी होने पर यहां आने के बाद जब उसने सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किया तो प्राथमिक शिक्षक चयन में उसे ओबीसी वर्ग का लाभ नहीं दिया गया था।
याचिकाकर्ता का तर्क
सीमा इसके खिलाफ कोर्ट गयीं। याचिका में उन्होंने संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया। कहा गया कि जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किए जाने का मौलिक अधिकार है। इस पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बैंच के फैसले का हवाला देकर अपना फैसला सुनाया और याचिका का निराकरण कर दिया।