रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) देश के बैंकिंग जगत का नियामक है. आरबीआई ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करने के लिए विभिन्न बैंकों की कार्यप्रणाली की निगरानी करता है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से नियमों का पालन नहीं करने पर बैंकों के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. आरबीआई (RBI) ने एक बार फिर से दो बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिये हैं.
इन दोनों बैंकों पर कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने दो अलग-अलग बयानों में बताया कि दो सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. इनमें कर्नाटक के तुमकुर स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र में सतारा स्थित हरिहरेश्वर बैंक शामिल है. रिजर्व बैंक का कहना है कि दोनों बैंकों के पास परिचालन जारी रखने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी. इसके अलावा दोनों बैंकों के लिए अब कमाई की संभावनाएं नहीं बची थी. ऐसे में उनका लाइसेंस रद्द करना जरूरी हो गया था.
RBI ने बताया कि हरिहरेश्वर सहकारी बैंक का कारोबार बंद करने का आदेश 11 जुलाई, 2023 से प्रभावी हो गया है. आपको बता दें कि बैंकों में ग्राहकों के 5 लाख रुपये तक के जमा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के पास इतनी रकम का बीमा होता है. जिनका जमा 5 लाख रुपये से ज्यादा होता है, उनका इस सीमा से ऊपर का पैसा डूब जाता है.
इतने लोगों को ही मिल पाएगा पैसा
RBI के अनुसार, हरिहरेश्वर सहकारी बैंक के 99.96 फीसदी डिपॉजिटर्स को DICGC से उनका कुल पैसा मिल जाएगा. इस बैंक के ग्राहकों को 8 मार्च 2023 तक डीआईसीजीसी से 57.24 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. वहीं श्री शारदा महिला सहकारी बैंक के मामले में करीब 97.82 प्रतिशत डिपॉजिटर्स को डीआईसीजीसी से पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. डीआईसीजीसी 12 जून 2023 तक इस बैंक के ग्राहकों को 15.06 करोड़ रुपये लौटा चुका है.
इन कामों पर लग गया प्रतिबंध
रिजर्व बैंक ने कहा है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद दोनों बैंकों को बैंकिंग से जुड़ी सभी गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया गया है. ये बैंक अब ग्राहकों से किसी प्रकार का डिपॉजिट नहीं ले सकते हैं. रिजर्व बैंक ने कमिश्नर ऑफ को-ऑपरेटिव एंड रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोयायटीज को भी संबंधित बैंकों का परिचालन बंद करने का आदेश जारी करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कमिश्नर को बैंकों के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है