Green Tax: उत्तर प्रदेश में पुरानी कार और दोपहिया वाहन स्वामियों के लिए खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश में पुरानी कार और बाइक के दोबारा पंजीकरण पर ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने पुराने वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है।
ग्रीन टैक्स का प्रस्ताव
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने पुराने वाहनों के पुनः पंजीकरण पर 2 प्रतिशत ग्रीन टैक्स लेने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। जिसे अब सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकारी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के पास होने पर बाइक चालकों को 600 रुपये व कार मालिकों पर दो हजार रुपये तक का खर्च बढ़ जाता। अब पहले की तरह सामान्य निर्धारित राशि में पुरानी गाड़ियों का दोबारा पंजीयन आसानी से हो जाएगा और ऐसी गाड़ियों के मालिकों को ज्यादा जेब नहीं ढीली करनी पड़ेगी। यानी जिन वाहन स्वामियों की गाड़ियां 15 साल की अवधि पूरा करने वाली है, उनके लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है।
ग्रीन टैक्स क्या है?
ग्रीन टैक्स, को पॉल्युशन टैक्स और पर्यावरण कर के नाम से भी जाना जाता है, यह एक उत्पाद शुल्क है, जिसे सरकारें उन वस्तुओं पर टैक्स लगाकर इकठ्ठा करती हैं, जिससे प्रदूषण फैलता है। ग्रीन टैक्स की बात करें तो यह 8 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों पर पहले से ही लागू था, लेकिन बाद में इसे निजी वाहनों के लिए भी लागू कर दिया गया है, जिनकी उम्र 15 साल से अधिक है।
सरकारी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के पास होने पर बाइक चालकों को 600 रुपए व कार मालिकों पर दो हजार रुपये तक का खर्च बढ़ जाता। अब पहले की तरह सामान्य निर्धारित राशि में पुरानी गाड़ियों का दोबारा पंजीयन आसानी से हो जाएगा और ऐसी गाड़ियों के मालिकों को ज्यादा जेब नहीं ढीली करनी पड़ेगी।