MP News : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार की अगली कैबिनेट बैठक प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में हो सकती है। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की पहली बैठक उज्जैन में होगी। बैठक में उज्जैन को तीर्थ नगरी घोषित किया जा सकता है। महाकाल सवारी मार्ग को चौड़ा करने, उज्जैन-नागदा-जावरा मार्ग को फोरलेन में तब्दील करने और नानाखेड़ा बस स्टैंड से श्री महाकाल महालोक तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना को हरि झंडी मिल सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक मकर संक्रांति पर या इसके आसपास कराने की बात मीडिया से साझा की है। सीएम यादव ने यह भी कहा कि अब मंत्रिमंडल की बैठक केवल राजधानी भोपाल में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अलग-अलग शहरों में होगी।
इस बैठक में शिप्रा शुद्धिकरण से लेकर कई विकास कार्यों पर हरी झंडी भी मिल सकती है। इनमें प्रमुख रूप से सिंहस्थ मेला आकर्षण का केंद्र रहने वाला है। इस बैठक में कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक उसी स्थान पर संपन्न होगी, जहां पर विकास कार्य और समस्याओं के निदान के साथ-साथ सौगात देने का मामला होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपना बयानों से पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि “राज्य सरकार की कैबिनेट की बैठक मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में होगी।” इससे पहले जबलपुर में कैबिनेट की बैठक संपन्न हो चुकी है।
मकर संक्रांति पर हो सकती है बैठक
इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार की अगली कैबिनेट बैठक धार्मिक नगरी उज्जैन में होने की संभावना जताई जा रही है। उज्जैन में होने वाली कैबिनेट की बैठक मकर संक्रांति पर हो सकती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव मकर संक्रांति पर उज्जैन में ही रहेंगे। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जैसे ही कैबिनेट बैठक के संकेत मिलेंगे, ठीक उसी समय से तैयारी शुरू हो जाएगी। खास तौर पर वह सिंहस्थ मेले को लेकर काफी गंभीर हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिंहस्थ मेला 2028 की तैयारी अभी से शुरू करवा दी है। खास तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि “शिप्रा शुद्धिकरण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए।” शिप्रा में मिलने वाले सभी नालों को रोकने के आदेश जारी हो चुके हैं। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक भी उज्जैन में सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए आयोजित होना है।