Bhopal News: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के उपरांत 72 घंटे में अलग-अलग कार्यवाही की रिपोर्ट आयोग को भेजनी होगी। इसमें संपत्ति विरूपण, विकास और निर्माण संबंधी गतिविधियां तथा आदर्श आचरण संहिता के अवधि के दौरान मंत्रियों, राजनेताओं या राजनीतिक दलों के फोटोग्राफ्स को राज्य और केंद्र सरकार की वेबसाइट्स से हटाने की कार्यवाही तथा शिकायत अनुवीक्षण प्रणाली एवं नियंत्रण कक्ष की गतिविधियों शामिल रहेंगी।
ऐसे होगा संपत्ति विरूपण पर एक्शन
संपत्ति विरूपण अधिनियम पर एक्शन को लेकर की जाने वाली कार्यवाही के मामले में कहा गया है कि सरकारी संपत्ति पर विरूपण किए जाने के मामले में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करनी होगी। सार्वजनिक संपत्ति पर अनधिकृत विरूपण एवं सार्वजनिक स्थल का दुरुपयोग संबंधी विरूपण हटाने की कार्रवाई 48 घंटे में की जानी है।निजी संपत्ति पर अनधिकृत विरूपण हटाने की कार्रवाई 72 घंटे में करनी होगी। इसके साथ ही संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम का पालन करना और घोषणा के दूसरे दिन नहीं एमसीसी 1 एवं एमसीसी टू फॉर्मेट में रिपोर्ट प्रेषित करना भी कलेक्टरों की जिम्मेदारी होगी। साथ ही आचार संहिता लागू रहने के दौरान प्रतिदिन सुबह 11 बजे तक ऑनलाइन अपडेशन भी करना होगा।
जो कार्य शुरू नहीं हुए उनकी सूची तैयार कराएं कलेक्टर
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि कलेक्टर ऐसे कार्यों में सूची पहले से ही बनवा लें जो जमीनी स्तर पर आरंभ किया जा चुके हैं तथा नए कार्यों की सूची जो जमीन स्तर पर आरंभ नहीं हुए हैं उसकी भी जानकारी तैयार कर 72 घंटे के भीतर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजनी होगी। आचार संहिता लागू रहने के दौरान मंत्रियों, राजनेताओं या राजनीतिक दलों के फोटोग्राफ्स के साथ उनके संदर्भ प्रसंग को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से हटाने की कार्यवाही भी समय पर करना है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह भी कहा है कि शिकायत अनुवीक्षण प्रणाली और नियंत्रण कक्ष 24 घंटे के अंदर एक्टिव हो जाना चाहिए। साथ ही 24 घंटे कंट्रोल रूम क्रियाशील रहना चाहिए जिसका ड्यूटी रोस्टर जारी किया जाए। शिकायतों के निवारण के लिए विशेष दल गठित किया जाना चाहिए तथा निराकरण निर्धारित समय सीमा में किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
सरकारी वाहन का उपयोग नहीं कर सकेंगे सरकारी वाहन
चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि आचार संहिता लागू रहने के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा या प्रत्याशी या उसके किसी सहयोगी द्वारा सरकारी वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। सिर्फ चुनाव कार्यों के लिए ही सरकारी वाहन इस्तेमाल की जा सकेंगे। इस मामले में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी। आचार संहिता लागू होते ही किसी तरह के विज्ञापन प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जारी नहीं किया जा सकेगा। ऐसे सरकारी विज्ञापनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी जिसमें सरकार की उपलब्धियां को बताने का काम किया जाना हो। आयोग द्वारा इसके लिए अलग-अलग फॉर्मेट जारी करके कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है ताकि आचार संहिता उल्लंघन की स्थिति होने पर कार्यवाही की जा सके।