भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव का नामांकन पत्र जमा करने के अंतिम दिन सोमवार को प्रदेशभर में 2489 अभ्यर्थियों ने 2811 नामांकन पत्र जमा किए हैं। आज मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है। जांच में कई निर्दलीयों और कुछ समान्य पार्टियों के अभ्यर्थियों के नामांकन निरस्त भी हो सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच के बाद पता चलेगा कि कितने उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। हालांकि नाम वापसी की अंतिम तिथि दो नवंबर निर्धारित की गई है। दो नवंबर को शाम तक नाम वापस लिया जा सकता है। इसके बाद वास्तविक स्थिति का पता चलेगा कि कितने उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। दो नंबर को नाम वापसी की समय सीमा बीतने के बाद भारत निर्वाचन आयोग निर्दलीय अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा। 21 से नामांकन पत्रों को भरने का सिलसिला शुरू हुआ था, जो कल सोमवार 30 अक्टूबर को संपन्न हुआ है। कल तक कुल 3832 प्रत्याशियों ने 4359 पत्र जमा किए गए हैं। ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयेाग पूरे प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराएगा। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
बागी नेताओं से परेशान हैं दोनों प्रमुख पार्टियां
भारतीय जनता पार्टी और कांगेे्रस पार्टी अपने बागियों से परेशान हैं। प्रदेश की 230 विधानसभा क्षेत्रों में करीब तीन दर्जन से अधिक ऐसे बागी उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं, जो भाजपा और कांग्रेस को सीधा सीट का नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं। बाकी विधानसभा क्षेत्रों में स्थिति इतनी खराब नहीं है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बागियों को मनाने की कमान संभाल ली है। वहीं भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मनाने का कार्य कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी तीन दिन तक मध्यप्रदेश में रुककर सभी दस संभागों में बैठकें लेकर बागियों और नाराज नेताओं को मनाने का कार्य किया है