Saturday, July 27, 2024
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पुरानी गाड़ी खरीदते समय जरूर चेक करे ये चीजें, वरना हो सकता है नुकसान..

इन दिनों पुरानी गाड़ी का बाजार भी काफी गर्म है। लोग नई गाड़ियों की जगह सेकेंड हैड गाड़ियों भी लेना पसंद कर रहे हैं। ये बजट में कम होती हैं और मन माफिक फीचर्स भी ऐसे में मिल जाते हैं। जिन लोगों को इसके बारे में अनुभव हो उनके लिए इंजन और अन्य चीजों के बारे में पता करना काफी आसान होता है। वहीं दूसरी तरफ आम लोगों के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल होता है।ऐसी स्थिति में आप गाड़ी की कंडीशन देखने के अलावा इंश्योरेंस और अन्य डॉक्यूमेंट देखकर यह पता कर सकते हैं कि ये एक्सिंडेंटल है या नहीं। इसके अलावा कुछ लोग मैकेनिक की भी मदद लेते हैं।

एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोगों को वाहन की जरूरत पड़ती है। जैसे एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए लोग, बस, ट्रेन, प्लेन, कार आदि का इस्तेमाल करते हैं। ठीक उसी तरह अपने बाकी काम, जैसे- दफ्तर जाना, कॉलेज जाना या अन्य जगहों पर जाने के लिए कई लोग अपनी कार या बाइक का इस्तेमाल भी करते हैं। पर हर कोई इन्हें नया नहीं खरीद पाता, क्योंकि उसमें काफी पैसे खर्च होते हैं। इसलिए कई लोग पुरानी कार या बाइक खरीद लेते हैं, जिनसे वो अपना काम निकाल लेते हैं। पर अगर आप किसी पुराने चार पहिया या दोपहिया वाहन को खरीद रहे हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों को जान लेना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको बाद में अच्छी खासी दिक्कतों से परेशान होना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

लंबी टेस्ट ड्राइव करें

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय यह ध्यान में जरूर रखना चाहिए कि आप जब टेस्ट ड्राइव ले रहे हों तो छोटी दूरी का टेस्ट ड्राइव बिल्कुल ना लें। टेस्ट ड्राइव कम से कम 30 किलोमीटर की तो होनी ही चाहिए। गाड़ी की सही कंडीनश जानने के लिए इतनी दूरी की टेस्ट ड्राइव बेहद जरूरी है।

टेंपरेचर जरूर चेक करें

टेस्ट ड्राइव लेने से पहले कार का टेंपरेचर चेक करना बहुत जरूरी है। टेंपरेचर चेक करने के लिए कार के बोनट पर हाथ रखें, इससे पता चल जाएगा कि आपसे पहले कार को कोई चलाया है या नहीं। कार का टेंपरेचर सामान्य रहने पर ही टेस्ट ड्राइव लें। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर आपसे पहले किसी ने कार की टेस्ट ड्राइव की होगी तो आपको इसके टेंपरेचर के बारे में पता नहीं चल पाएगा। यानी कार कितनी देर में गर्म हो रही है। कार की सही हीटिंग कंडीशन जानने के लिए यह बेहद जरूरी है।

कार से आने वाली सभी आवाजों को ध्यान से सुनें

कार से आने वाली आवाजें परख कर आप कार कमी के बारे में आसानी से जान सकते हैं। इसके लिए कार को स्टार्ट कर न्यूट्रल कर दें। इसके बाद कार के अंदर बैठ कर आवाज और वाइब्रेशन पर ध्यान दें। इसके बाद एक्सीलेटर को कम और ज्यादा करते हुए विंडो खोलकर और बंद कर आने वाली आवाज सुनें। अगर किसी भी तरह का एक्सट्रा नॉइज और वाइब्रेशन महसूस हो तो इस बारे में कार डीलर को बताएं।

एमरजेंसी ब्रेक टेस्ट जरूरी करें

कार की एमरजेंसी ब्रेक टेस्टिंग सेफ्टी के लिहाज से बेहद जरूरी है। इसके लिए आपको टेस्ट ड्राइव करते समय किसी खाली मैदान में भी जाना चाहिए। तेज स्पीड में ब्रेक मारकर आप इमरजेंसी ब्रेक टेस्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही हैंड ब्रेक का भी टेस्ट जरूर करें। ढलान या चढ़ाई वाली सड़क पर हैंडब्रेक अच्छे से टेस्ट हो सकता है।

अच्छी और खराब दोनों सड़कों पर करें टेस्ट ड्राइव

टेस्ट ड्राइव खराब और अच्छी दोनों सड़कों पर करनी चाहिए। इससे आप कार की आवाज के साथ-साथ इसकी कंडीशन के बारे में अच्छे से जान सकेंगे। इससे आप कार के सस्पेंशन, हिल एरिया, टॉर्क, पॉवर और पिकअप जैसी चीजों को अच्छे से परख सकेंगे। साथ ही इंजन से आने वाली आवाज, हीटिंग, गियर बॉक्स औऱ गियर रिस्पॉन्स का सही हाल जान सकेंगे।

गाड़ी का धुआं चेक करें

गाड़ी के साइलेंसर से निकलने वाले धुंए पर जरूर ध्यान दें। साइलेंसर से अगर काले या नीले रंग का धुआं आ रहा है तो जरूर इंजन में कोई खराबी हो सकती है। इंजन में ऑयल लीकेज की समस्या के वजह से भी धुएं का रंग काला या नीला हो सकता है। टेस्ट ड्राइव के समय बेहत यह होगा कि आप किसी जानकार मेकेनिक को अपने साथ जरूर रखें।

स्टीयरिंग करें चेक

टेस्ट ड्राइव के दौरान स्टीयरिंग भी चेक करना जरूरी है। स्टीयरिंग में अगर वाइब्रेशन है तो यह खामी की ओर इशारा करती है। कार सीधे ना जाकर दायें या बाएं किसी भी तरफ ज्यादा जा रही है तो भी यह स्टीयरिंग में दिक्कत की ओर इशारा है।

इलेक्ट्रिकल हिस्से चेक करें

विंडो अप-डाउन स्विच, म्यूजिक सिस्टम, मिरर फोल्डिंग स्विच, वाइपर, हॉर्न कई बार चेक करें। साथ ही टेस्ट ड्राइविंग के दौरान स्‍विच, बटन, ब्रेक, क्‍लच, गियर, एक्‍सीलरेटर अच्छे से कई बार जांच करें।

इन बातों का रखें ध्यान..

1.आप नई गाड़ी नहीं खरीद पा रहे हैं और किसी दोस्त या किसी अन्य व्यक्ति से पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं, तो ऐसे में आपको गाड़ी का मॉडल नंबर जानना चाहिए, उसके पार्ट को चेक कर लें और साथ ही गाड़ी में ये जरूर चेक करवा लें कि इसमें इंजन ऑयल है या नहीं।

2.अगर गाड़ी में इंजन ऑयल नहीं है और आप ऐसी गाड़ी को चला देते हैं, तो गाड़ी का इंजन सीज तक हो सकता है। जो गाड़ी लंबे समय से खड़ी होती है उनका इंजन ऑयल सूख जाता है या फिर खराब भी हो जाता है। इसलिए इसे चेक करना जरूरी है।

3.आप जो भी कार, बाइक या स्कूटी आदि पुरानी खरीद रहे हैं, तो उसके दस्तावेज जरूर चेक कर लें। आरसी, इंश्योरेंस, पीओसी जैसे दस्तावेज होना जरूरी है। हालांकि, अगर गाड़ी 15 साल पुरानी है, तो फिर इसे न खरीदें क्योंकि ऐसी गाड़ी को सड़क पर चलाना मना है और अगर आप ऐसा करते हुए पाए जाते हैं, तो आपका चालान कट सकता है।

4.आप अगर कोई पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं, तो अपने साथ कोई मैकेनिक या ऐसे व्यक्ति को जरूर ले जाएं जिसे इन चीजों की नॉलेज हो। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आपको ठीक गाड़ी न मिले क्योंकि आपको जानकारी होगी नहीं, तो आप बिना जाने गाड़ी घर ले आएंगे। इसके अलावा ये जरूर चेक कर लें कि गाड़ी पर कोई चालान तो नहीं है।

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